तेल नीर, तेल पसार चैरासी सहस्र डाकिनीर छेल, इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. जानिए की केसे करें बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार ‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’ इस यंत्र को चमेली के फूल के रस और आपके दूध को आपस में मिलाकर भोजपत्र पर लिखें और फिर https://maps.app.goo.gl/7R8QDfUdiadsP3BH7